Three Friends तीन मित्र

Three Friends तीन मित्र

तीन मित्र तंत्र की विविध पद्धतियों का ज्ञान प्राप्त करके निकले। उन्हें रास्ते में एक राक्षस के अस्थिपंजर पड़े मिले तो उन्होंने उसके ऊपर अपनी विद्या का परीक्षण करने की सोची। उनमें से एक ने मंत्र विद्या के सहारे उसको शरीर प्रदान किया तो दूसरे ने उसमें रुधिर संचारित और हृदय स्थापित किया। तीसरा उसमें प्राणों का संचार करने ही वाला था कि एक व्यक्ति वहाँ से गुजरा। यह सब देखकर उसने उनको चेताया – “राक्षस के अंदर प्राण मत डालो, यह तुम्हारा ही नाश करेगा।" विद्या के मिथ्या दंभ में चूर उन तीनों ने उस व्यक्ति की एक न सुनी और राक्षस को जीवित कर दिया। प्राण आते ही राक्षस ने सर्वप्रथम उन तीनों पर हमला कर उनको मार डाला। किताबी ज्ञान आदमी के जीवन में जानकारियाँ और साक्षरता प्रदान कर सकता है, पर विवेक और जीवन की सार्थकता तो विद्या से ही आती है ।

साभारः- सितंबर, 2012 % अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 60