Saint and Sadhana संत और साधना
एक व्यक्ति एक संत के पास दीक्षा लेने पहुँचा और उनसे बोला – “महाराज! मैं ! साधना करना चाहता हूँ, पर संयम रख पाना मेरे लिए संभव नहीं। क्या कोई ऐसा मार्ग नहीं है, जिससे बिना संयम रखे सिद्धियाँ प्राप्त हो जाएँ।” संत मुस्कराए और उसे एक बिना पेंदी का बरतन देते हुए बोले – “उस साधना का मार्ग मैं तुम्हें तब बता पाऊँगा, जब तुम इस बरतन में पानी भरकर ले आओगे।" वह व्यक्ति चकित हुआ और बोला – “ये तो आप भी जानते हैं कि इसमें पानी टिकेगा नहीं तो फिर मुझे यह प्रयास करने को क्यों बोल रहे हैं?" संत बोले – "वत्स! जैसे बिना आधार का ये पात्र पानी को अपने अंदर धारण नहीं कर सकता, वैसे ही दुनिया की कोई भी साधना, बिना संयम के तुम्हारे अंदर सिद्धि को प्रकट नहीं कर सकती। एक छोटा सा बरतन बिना उचित आधार के पानी नहीं सँभाल सकता, तो तुम्हारी ये काया बिना संयम के ब्रह्मतेज को कैसे सँभालेगी ?'
साभारः- सितंबर, 2012 % अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 62