Lord Buddha भगवान बुद्ध
भगवान बुद्ध श्रावस्ती में जैतवन की ओर जा रहे थे। मार्ग में कुछ लोग एक पशु को बाँधकर बलि दे रहे थे। उन्हें देख कर भगवान बुद्ध ने ऐसा करने से रोका, तब एक ग्रामीण ने कहा "महाराज ! बलि से देवता प्रसन्न होते हैं और 25 वरदान देते हैं।"
बुद्ध ने कहा - " अपने सुख के लिए जो दूसरे को मारता है, वह दूसरे जन्म में घोर कष्ट पाता है।" उस दिन से ग्रामवासियों ने जीवहिंसा छोड़ दी।
साभारः- जनवरी, 2006, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 49
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