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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

Shalagram and Rats शालग्राम और चूहे

Shalagram and Rats शालग्राम और चूहे

एक राजा ने देखा, शालग्राम की मूर्ति के ऊपर दो चूहे फुदक रहे हैं। उसे लगा, चूहा बड़ा देवता है, अतएव वह उस दिन से चूहों की उपासना करने लगा। एक दिन एक बिल्ली चूहे को खा गई तो उसने बिल्ली की पूजा आरंभ कर दी। एक दिन एक कुत्ते ने बिल्ली को धर पटका और तब से राजा कुत्ते का उपासक बन गया। एक दिन किसी बात पर नाराज होकर रानी ने कुत्ते की टाँग तोड़ दी, फिर क्या था, राजा ने रानी की पूजा प्रारंभ कर दी। एक दिन किसी भूल पर रानी को डाँटा तो उनको ऐसा मालूम होने लगा कि मैं ही बड़ा देवता हूँ, अतः वह अपनी उपासना करने लगे। बुखार में पड़े राजा के मुँह से अनायास ही निकल गया, हे प्रभो! एक दिन ईश्वर ही सर्वोपरि और सर्वशक्तिमान आराध्य देव है।

साभारः- जनवरी, 2006, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 52