Light and Darkness प्रकाश और अंधकार

Light and Darkness प्रकाश और अंधकार

प्राचीन समय में जब मनुष्य के पास प्रकाश नहीं था तो लोगों ने अंधकार को दूर करने के अनेक उपाय सोचे, परंतु कोई भी कारगर न हुआ। किसी ने सुझाव दिया कि हमें अंधकार को टोकरी में भरकर गड्ढे में डाल देना चाहिए। लोगों ने टोकरी लेकर ऐसा प्रयास करना आरंभ कर दिया। धीरे-धीरे इसने एक प्रथा का रूप ले लिया। उसी समय एक युवक का विवाह एक विदुषी महिला से हो गया। प्रथा के अनुरूप उससे भी अंधकार को फेंकने का कार्य करने के लिए कहा गया। यह सुनकर वह हँसने लगी। उसने सूखे पत्तों को एकत्र किया और फिर दो पत्थरों को टकराया तो लोग चकित होकर देखते रह गए कि आग पैदा हो गई थी और अँधेरा दूर हो गया था। उस दिन से लोगों ने अँधेरा फेंकना छोड़ दिया; क्योंकि वे आग जलाना सीख गए थे। हम भी उन गाँववालों की तरह ही हैं, जो पाप-दोष-दुर्गुणों से लड़ते रहते हैं, जबकि सद्गुणों से भरने पर ये अपने आप छूट जाते हैं, इसलिए जीवन को विधेयात्मक आरोहण देना चाहिए, निषेधात्मक पलायन नहीं।

साभारः- सितंबर, 2016, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 16