Saint Rajab संत रज्जब

Saint Rajab संत रज्जब

संत रज्जब सदा परवरदिगार की प्रार्थना में निमग्न रहते और जो भी उनके संपर्क में आता, उसे भी अच्छे पथ पर चलने की प्रेरणा देते। उनके गाँव में जुबेर नामक एक व्यक्ति रहता था। उसे जुआ खेलने, शराब पीने व लोगों को निरर्थक परेशान करने की बुरी आदत थी। एक दिन ज्यादा शराब पीकर वह नाली में गिर पड़ा। उसके दुश्चरित्र के कारण कोई उसकी सहायता को आगे न आया। ऐसे में संत रज्जब उधर से निकले। उन्होंने उसे उठाया, उसका मुँह धुलाया और उसके होश में आने तक उसकी देख-भाल की। उसके होश में आने पर वे उससे बोले – “नौजवान जिस मुँह से परवरदिगार को बुलाते हैं, उसे शराब पीकर कुत्सित करना किसी गुनाह से कम नहीं है।" संत रज्जब की कही ये बातें जुबेर के दिल में बैठ गई और वह सदा के लिए एक नेक इनसान बन गया।

साभारः- सितंबर, 2016, अखण्ड ज्योति, पृष्ठ संख्या - 24