#

#

hits counter
Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

​​​​​​​पुरातन संस्कृति - बोगजकोई अभिलेख


पुरातन संस्कृति - बोगजकोई अभिलेख

 

एशिया माइनर (तुर्की) से प्राप्त 1400 ईसा पूर्व का अभिलेख जिसे 1907 ईस्वी में वींकलर महोदय (Hugo Wikler) द्वारा खोजा गया। यह कीलक लिपि (कीलाक्षर लिपि) तथा संस्कृत भाषा में है। इसमें चार वैदिक देवताओं- इन्द्र मित्र वरुण नास्त्य (अश्विन कुमार) का उल्लेख मिलता है। इसी अभिलेख के आधार पर ही विद्वानों ने मध्य एशिया से भारत में आर्यों के आगमन का मत प्रतिपादित किया।

यह एक अभिलेख के रूप में है जो 14वीं शताब्दी ईसा पूर्व में प्रमाणित हुए। एशिया माइनर में खुदाई में मिले इस अभिलेख में दो राजाओं (हित्तियों के राजा सुपिफिल्यास-1 व मिस्र के राजा मितानी) के बीच हुए संधि को मजबूत करने का उल्लेख है। इन उपरोक्त देवी देवताओं को इस संधि के साक्षी के रूप में इस अभिलेख में उल्लेख किया गया है।

यद्यपि भारत के सबसे प्राचीन अभिलेख हड़प्पा मुहरों पर अंकित लेख हैं परन्तु उनका अर्थान्वेषण अभी तक नहीं किया जा सका है। अतः भारत के प्राचीनतम अभिलेख जिसे पढ़ा जा सका है. मौर्य सम्राट अशोक के हैं जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के है।

सन 1906-07 ईस्वी में ह्यूगो वीकलर महोदय ने प्राचीन कालीन हिट्टाइट राज्य की राजधानी जिसे बोगजकोई नाम से जाना जाता है से मिट्टी की पट्टिकाओं में वैदिक कालीन भारतीय देवी देवताओं- इन्द्र मित्र वरुण नास्त्य (अश्विन कुमार)का उल्लेख प्राप्त किया। इसके बाद से विद्वानों में इस बात को लेकर अवधारणा बन गयी कि आर्य भारत में ईरान से आये थे।

विद्वानों ने बोगजकोई स्थान को आर्यों का मार्ग बताया। किन्तु बता दे कि कुछ विद्वान इस मत को स्वीकार नहीं करते हैं क्योंकि आर्यों के प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद में कहीं भी ऐसा उल्लेख नहीं है जिससे यह ज्ञात हो कि आर्य बोगजकोई से आये थे या आर्यों का बोगजकोई स्थल से कोई संबंध ही या हो आप आयों का भारत आगमन की पोस्ट पढकर इस विषय में अधिक जानकारिया पा सकते हैं।

इस प्रकार भारत व विश्व के इतिहास में बोगजकोई अभिलेख का अपने में काफी महत्वपूर्ण स्थान है।

अस्वीकरण :

उपरोक्त लेख में व्यक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं और kashmiribhatta.in उपरोक्त लेख में व्यक्त विचारों के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। लेख इसके संबंधित स्वामी या स्वामियों का है और यह साइट इस पर किसी अधिकार का दावा नहीं करती है।कॉपीराइट अधिनियम 1976 की धारा 107 के तहत कॉपीराइट अस्वीकरणए आलोचनाए टिप्पणीए समाचार रिपोर्टिंग, शिक्षण, छात्रवृत्ति, शिक्षा और अनुसंधान जैसे उद्देश्यों के लिए "उचित उपयोग" किया जा सकता है। उचित उपयोग कॉपीराइट क़ानून द्वारा अनुमत उपयोग है जो अन्यथा उल्लंघनकारी हो सकता है।

साभारः  जून 2023 कॉशुर समाचार

 

Online Chat

© 2021 - All Rights Reserved