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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

Sarswati Vandana श्री सरस्वती वन्दना 

हे शारदे मां हे शारदे मां 
अज्ञानता से हमें तार दे मां।
तू स्वर की देवी है संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है हर हर गीत तुझसे ।
हम हैं अकेले हम हैं अधूरे
तेरी शरण में हमें प्यार दे मां।।
                  हे शारदे मां हे शारदे मां 
मुनियों ने समझी गुनियों ने जानी,
वेदों की भाषा पुराणों की वानी।
हम भी तो समझें हम भी तो जाने,
विद्या का हमको अधिकार दे मां।।  
                         हे शारदे मां, हे शारदे मां  
तू श्वेतवर्णी कमल पे विराजे
हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे।
अज्ञानता के मिटा दे अंधेरे
उजालों का हमको संसार दे मां।।
             हे शारदे मां, हे शारदे मां