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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

भाव

Patanjali पतञ्जलि

जब कोई व्यक्ति अहिंसा की कसौटी पर पूरा उतर जाता है तो दूसरा व्यक्ति स्वयं ही उसके पास आकर वैरभाव भूल जाता है।

Anonymous अज्ञात  

जिन्दगी का हिसाब वर्षों द्वारा नहीं लगाया जा सकता है कुछ लोग एक दिन में सम्पूर्ण जीवन का कष्ट भोग लेते हैं और सूर्योदय एवं सूर्यास्त के मध्य वृद्धावस्था को प्राप्त हो जाते हैं