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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

राष्ट्र

Dnyaneshwar ज्ञानेश्वर

साहित्य यदि नष्ट हो जाए तो उस राष्ट्र का सब कुछ समाप्त हुआ समझो। लेकिन सब कुछ खत्म होने के पश्चात भी यदि साहित्य जिंदा है तो राष्ट्र कभी नष्ट नहीं होगा।