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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

शुभ

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानन्द

वास्तव में शुभ और अशुभ दोनों एक ही हैं और हमारे मन पर अवलंबित हैं। मन जब स्थिर और शांत रहता है तब शुभाशुभ कुछ भी उसे स्पर्श नहीं कर पाते।