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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

सरिता

Dnyaneshwar ज्ञानेश्वर

सरिता के सतत गतिशील प्रवाह को नियंत्रित रखने के लिए दो किनारे आवश्यक होते हैं। इसी प्रकार जीवन को नियंत्रित और मर्यादित रखने के लिए व्रतों और नियमों की आवश्यकता होती है।