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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ
  • आत्मा अनादि, अविनाशी, विकारहीन, शाश्वत और सर्वव्यापी है।

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  • आत्मा अनादि, अविनाशी, विकारहीन, शाश्वत और सर्वव्यापी है।

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