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2022 12 बधाई  - पंडित कृष्ण लंगू   


Date:- 01 Dec 2022


2022 12 बधाई  - पंडित कृष्ण लंगू   

वर्ष 1945 में बडियार बाला में जन्मे पंडित श्री कृष्ण लंगू जी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। रंगमच, दूरदर्शन एवं फिल्म के माध्यम से आप अपने अभिनय, संगीत निर्देशन के लिए जाने जाते हैं। अभिनय, निर्देशन के साथ साथ कश्मीर प्रांत में जो सांस्कृतिक बदलाव आया उसमें आपका योगदान अप्रतिम है। कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने में आपके सतत प्रयास सदैव याद किये जायेंगे। चाहे वह युवा वाणी सर्विस से प्रसारित पहला सुपर हिट गीत 'लतिये नार जऽजनम तन था या 'छोन्य करी बुंगरे, गुल गुलशन गुलफाम का संगीत जिसके लिये आप 1991 में मुम्बई में 'बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर आफ द इयर' सम्मान से सम्मानित हुए या रापा, स्टेट एवार्ड, श्री माता शारिका सम्मान सहित कई सारे सम्मानों से सुसज्जित आपकी यह संगीतमय यात्रा काफी यादगार रही है।

आपने इस सांस्कृतिक धरोहर को न सिर्फ कश्मीर में अपितु पूरे राज्य में, देश के कोने-कोने में और कई बाहर के देशों में भी प्रदर्शित किया है। आपका योगदान अतुलनीय है। आप 'सौंगस एण्ड ड्रामा विभाग' में भी कई दशकों तक कार्यरत रहे । राज्यकीय स्तर पर भी 'कल्चरल अकादमी', के सौजन्य से आयोजित कई ओपेराओं में आप संगीत, अभिनय और नृत्य द्वारा अभूतपूर्व योगदान दे चुके हैं।

इसी के चलते आज जब समूचे सोशल मीडिया से यह खबर आई कि आपको 'उत्कृष्ट संगीत नाटक अकादमी' के 'स्टार' सम्मान की घोषणा हुई है, सभी लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा और बधाई संदेशों का तांता हर उस पृष्ठ पर लगा जहां से आपकी इस सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि के संदेश पोस्ट किये गये।

इस पावन बेला पर आपको हृदय से धन्यवाद एवं हार्दिक बधाई

अस्वीकरण :

उपरोक्त लेख में व्यक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं और kashmiribhatta.in उपरोक्त लेख में व्यक्त विचारों के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है।

साभार:- पंडित कृष्ण लंगू एंव दिसम्बर 2022 कॉशुर समाचार