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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

Teri Ban Jayegi Ram Ghun Gaye Ke तेरी बन जायेगी राम गुण गाये से

Teri Ban Jayegi Ram Ghun Gaye Ke तेरी बन जायेगी राम गुण गाये से



तेरी बन जायेगी राम गुण गाये से

तेरी बन जायेगी राम गुण गाये से।

गोविन्द गुण गाये से गोपाल गुण गाये से।।

धु्रव की बन गई प्रहलाद की बन गई।

द्रोपदी की बन गई चीर के बढ़ाये से।।

धन्ना की बन गई सदना की बन गई।

मीरा की बन गई कृश्ण गुण गाये से।।

ब्रह्मा की बन गई षंकर की बन गई।

नारद की बन गई वीणा के बजाये से।।

अहिल्या की बन गई षबरी की बन गई।

विभीशण की बन गई षरण में आये से।।

विदुर की बन गई सुदामा की बन गई।

मोरध्वज की बन गई आरा के चलाये से।।

चेता की बन गई सैना की बन गई।

नरसी की बन गई हुँडी के तराये से।।

गोरख की बन गई कबीरा की बन गई।

गणिका की बन गई तोता के पढ़ाये से।।

तेरी बन जायेगी राम गुण गाये से।