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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

Ishvar Prarthna  ईश्वर प्रार्थना

Ishvar Prarthna  ईश्वर प्रार्थना



तेरे पूजन को भगवान, बना मन मन्दिर आलीशान।।

किसने जानी तेरी माया किसने भेद तुम्हारा पाया।

हारे ऋशि मुनि कर ध्यान, बना मन मन्दिर आलीशान।।

तू ही जल में तू ही थल में, तू ही मन में तू ही वन में

तेरा रुप अनूप महान, बना मन मन्दिर आलीशान।।

तू हर गुल में तू बुलबुल में, तू हर डाल के हर पातन में।

तू हर दिल में मूर्तिमान, बना मन मन्दिर आलीशन।।

तूने राजा रंक बनाये, तूने भिक्षुक राज बैठाये।

तेरी लीला ऐसी महान, बना मन मन्दिर आलीशान।।

झूठे जग की झूठी माया, मूरख इनमें क्यों भरमाया।

कर जीवन का शुभ कल्यान, बना मन मन्दिर आलीशान।।