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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

क्षन क्षन व्यन्ती वउ

क्षन क्षन व्यन्ती वउ



Kamla Raina (Chowgam) कमला रैना (चौगाम)

क्षन क्षन व्यन्ती वउ

राधा कृष्ण कन् बोज़

वन्य दिमह भिन्द्राबन्

राधा कृष्ण कन् बोज़॥

 

यचकाल वोत प्रारान

भव सर् हालि हरान

नेरि क्या अफसूस ख्यन्

राधा कृष्ण कन् बोज़॥

 

कर्म बन्धन किन्य युन

माजि तय माउलिस ज्योन

 

दोख सोख के आवलनउ

राधा कृष्ण कन् बोज़॥

 

ह्यक् कस हाल बाउविथ

दागदार सीन् हाउविथ

नोन हाव शोभ दर्शन्

राधा कृष्ण कन् बोज़ ॥

 

कुनुय तोर् आमुत

कुन्यसय कुल बन्योमुत

म्युल बनि नाम सुमरन

राधा कृष्ण कन बोज़॥

 

सुबहस तय शामस

रातस त दोहस

नाद चोनय वज़न्

राधा कृष्ण कन बोज़ ॥

 

गव यस नाद सनिथ

रचि रचि आस बनिथ

मोकलाव यिन् गछन्

राधा कृष्ण कन बोज़॥

 

यस छउनय साउरी बन्धन

साउरी न्याय अन्दन

जन्दन नार लगन्

राधा कृष्ण कन् बोज ॥

 

करतम मनि आज़ाद

बोज़तम लोल फरयाद

वनउ कस कमला सनउ

राधा कृष्ण कन् बोज़ ॥

साभारःकमला रैना (चौगाम)