#

#

hits counter
Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

सुनो बेटा यह दुनिया जो सब कुछ

सुनो बेटा यह दुनिया जो सब कुछ



Kamla Raina (Chowgam) कमला रैना (चौगाम)

सुनो बेटा यह दुनिया जो सब कुछ

बे वुफाई ॥

 

शुक्र है इस मालिक का जिसने यह

बनाई है।

 

गुज़रे साल मेरे पचपन बता क्या क्या

बकाई है।

 

यहा शार्क गदाई जो वह सब मैंने

बिताई है।

 

नहीं रहती धन दौलत गरीबी भी नहीं रहती ॥

 

पलट जाती है क्षन बर में यह उसकी खुदाई है॥

 

कहीं हंसना कहीं रोना यह है जादूगरी उसकी ॥

 

कि जिसमें वह रज़ा रहता वही मेरी रज़ाई है॥

 

वही दाता पिता मेरा वह प्रीतम प्यारा है॥

 

वही भ्राता बहन बन्दो वही मेरा सुहारा है॥

 

वही सतगुरू मेरा वही संकट उदारा है ॥

 

वही है मालिक दुनिया का वही सब का सहारा है॥

 

न लगता किसी का डर न कोई मुझे प्यारा है॥

 

न डरती हूं किसी से मैं न किसी से मैं न्यारी हूं॥

 

सिरिफ आशा मुझे तेरी वही मेरी रज़ाई है॥

 

सिरिफ आपके ही चरनों में शरन कमला आई है॥

साभारः कमला रैना (चौगाम)