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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

Aab Soup Diya Ess Jeevan Ka अब सौंप दिया इस जीवन का,

Aab Soup Diya Ess Jeevan Ka अब सौंप दिया इस जीवन का,



अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में ।

है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में ।।

अब सौंप दिया इस जीवन का ०

मेरा निश्चय बस एक यही, एक बार तुम्हें पा जाऊँ में ।

अर्पण कर दूं दुनियाँ भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथों में ।।।

अब सौंप दिया इस जीवन का ०

जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ, जैसे जल में कमल का फूल रहे।

मेरे गुण दोष समर्पित हों, करतार तुम्हारे हाथों में ॥

अब सौंप दिया इस जीवन का ०