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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

खीरा सिर तें काटिए, मलियत नमक बनाय।

खीरा सिर तें काटिए, मलियत नमक बनाय।



खीरा सिर तें काटिए, मलियत नमक बनाय।

रहिमन’ करुए मुखन को चहिअत इहै सजाय ।।

                                                रहीम

अर्थ:-   खीरे को मुख से काटकर उस पर नमक लगाकर घिसा जाता है। रहीम कहते हैं कि कटुभाषी व्यक्ति की यही सजा है अर्थात् जैसे खीरे का कड़ुवापन निकालने के लिए उसे मुख से काटकर नमक लगााकर घिसते हैं उसी तरह कड़वा  बोलने वाले मनुष्य को भी दंड देना आवश्यक होता है।