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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

रिश्ते

रिश्ते

आखरी सांस तक चलते है,!! शीशा और पत्थर संग संग रहे तो बात नही घबराने की.....!!

शर्त इतनी है कि बस दोनों ज़िद ना करे टकराने की.....!!

रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,

रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है।

दिमाग"से बनाये हुए "रिश्ते"

बाजार तक चलते है,,,!

और दिल से बनाये "रिश्ते"