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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

सुप्रभात

सुप्रभात

ईश्वर चित्र में नहीं अपितु चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मन्दिर बनाने का प्रयास करें।