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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

प्रभु कहते है.

प्रभु कहते है.

  
होती आरती, बजते शंख,
                पूजा में सब खोए है,
मंदिर के बाहर तो देखो,
                 भूखे बच्चे सोए है |
एक निवाला इनको देना,
                प्रसाद मुझे चढ जायेगा,
मेरे दर पर माँगने वाले,
       तुझे बिन माँगे सब मिल जायेगा !