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Ekadashi एकादशी, पापाङ्कुशा एकादशी पंचक आरम्भ

फकीर की दौलत

फकीर की दौलत

मौत खड़ी थी सर पर 
इसी इंतजार में थी 
ना झूकेगा ध्वज मेरा
15 अगस्त के मौके पर
तू ठहर इंतजार कर 
लहराने दे बुलंद इसे 
मैं  एक दिन और लड़ूंगा 
मौत तेरे से  
मंजूर नही है कभी मुझे 
झुके तिंरगा स्वतंत्रता के मौके पे
   
अटलजी के चले जाने पर
सादर श्रद्धांजलि

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